प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अमेरिका दौरा इस बार काफी चर्चे में हैं क्योंकि किसी को यह उम्मीद नहीं थी कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प मोदी का ऐसा स्वागत करेंगे. जिस तरह से ट्रम्प प्रशासन ने कश्मीर को लेकर सकारात्मक रवैये के संकेत दिए हैं उससे भारतीय काफी खुश हैं.
हिजबुल पर लगाम लगाने और इसके मुखिया सैयद सलाहुद्दीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने को अमेरिका के रवैये में बदलाव का सबसे बड़ा उदाहरण माना जा रहा है. इस बात से भरोसा है कि इस कदम से पश्चिमी देशों के रूख में भी भारत के प्रति बदलाव नजर आएगा.
अब भारत के लिए पश्चिमी देशों को यह बताना आसन हो जायेगा कि कश्मीर में जो भी हिंसा की घटनाएँ हो रही है वह पाकिस्तान के द्वारा प्रायोजित हैं. साथ ही पाकिस्तान जिस तरह से यूरोपीय देशों में कश्मीर हिंसा को मानवाधिकार से जोड़ने की कोशिश कर रहा है. भारत और अमेरिका के इस कदम से पाकिस्तान को झटका लग सकता है.वहीं भारत यह चाहेगा कि यूरोपियन देश भी सलाउद्दीन को आतंकियों की सूची में शामिल करें.
भारत को पता है कि सलाउद्दीन को यूरोपीय देशों से फण्ड मिलता है. अब इस फण्ड पर अंकुश लगाने के लिए भारत आने वाले दिनों में यूरोपीय देशों से आग्रह करेगा कि परोक्ष और प्रत्यक्ष तौर पर भी सलाउद्दीन के किसी भी गतिविधि को समर्थन न दें.