बेंगलुरु: कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार का शपथ ग्रहण समारोह जारी. इस दौरान कांग्रेस नेता एचके पाटिल, कृष्णा बायरे गौड़ा ने कर्नाटक के मंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ ली. उनके साथ ही 22 अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली.
कर्नाटक के मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस ने अभी से 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. कांग्रेस हाईकमान की ओर से जारी किए गए नामों में जातीय समीकरणों से लेकर क्षेत्रीय पसंद का ख्याल रखने से स्पष्ट है कि कांग्रेस का गेम प्लान केवल कर्नाटक तक ही सीमित नहीं है. कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार के जरिये कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 में पड़ोसी राज्यों में भी अपनी सियासी जमीन मजबूत करने के लिए कमर कस ली है.
जो वादा किया निभाएंगे
जिन कांग्रेस विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी, उनमें मधु बंगरप्पा का नाम भी शामिल है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि कर्नाटक के लोगों ने कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत दिया. हमने जो वादे किए हैं, उन्हें पूरा करेंगे.
रुद्रप्पा लमानी को मंत्री पद न मिलने पर समर्थकों ने की नारेबाजी
कांग्रेस विधायक रुद्रप्पा लमानी को मंत्री पद नहीं मिलने पर उनके समर्थकों में नाराजगी है. लमानी के समर्थकों ने कांग्रेस कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया. लमानी के एक समर्थक ने कहा कि हमारे बंजारा समुदाय के नेता रुद्रप्पा लमानी का नाम बीती रात तक मंत्री पद की शपथ लेने वाले नेताओं में शामिल था लेकिन आज उनका नाम लिस्ट से गायब है. अगर हमारे नेता को मंत्री पद नहीं मिला तो हम इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. हमने 75 प्रतिशत वोट कांग्रेस को दिए तो हमारे समुदाय से कम से कम एक नेता को मंत्री पद मिलना चाहिए.
मंत्रिमंडल में सभी जातियों को समायोजित करने की कोशिश
दूसरी सूची में छह लिंगायत, चार वोक्कालिगा, पांच ओबीसी, तीन एससी, दो एसटी के साथ ब्राह्मण, मुस्लिम, जैन और रेड्डी समुदाय से एक-एक विधायक को कैबिनेट में जगह दी गई है. लिंगायत समुदाय की सभी उप-जातियों को ध्यान में रखा गया है और आठ विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया है. वोक्कालिगाओं को डिप्टी सीएम के पद सहित पांच स्थान मिले हैं. वहीं, दलितों को नौ कैबिनेट सीट मिली है.
हाईकमान से चर्चा के बाद तय हुआ मंत्रीपरिषद
कर्नाटक में कैबिनेट विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि हमने क्षेत्रीय, जातीय और सामाजिक न्याय की दृष्टि से निर्णय लिया है. हमने हाई कमांड के साथ इस पर गहन चर्चा करने के बाद ही मंत्रीपरिषद तय किया है. हम अगली कैबिनेट बैठक पर अपने किए वादों पर फैसला लेंगे.