नई दिल्ली. भाकपा के राज्य सचिव बिनॉय विश्वम ने विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समय-सीमा तय करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना करने के लिए शनिवार को केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि वह (अर्लेकर) मामलों को भाजपा नेता के बजाय राज्यपाल के नजरिए से देखेंगे। राज्यपाल को राज्य विधानमंडल और सुप्रीम कोर्ट पर अधिकार रखने के बजाय स्वस्थ केंद्र-राज्य संबंधों को मजबूत करने का लक्ष्य रखना चाहिए।
बिनॉय ने SC के फैसले की आलोचना करते हुए कही ये बात
एक साक्षात्कार में राज्यपाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना करते हुए कहा था कि यदि संवैधानिक संशोधन अदालतों द्वारा ही लाए जाने थे तो संसद और राज्य विधानसभाओं की क्या आवश्यकता थी?
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल आर एन रवि के बीच लंबित विधेयकों को लेकर चल रही खींचतान को संविधान पीठ को सौंप दिया जाना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अतिशयोक्तिपूर्ण बताते हुए आर्लेकर ने कहा कि केरल के मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जो मामला है, वह तमिलनाडु के मामले जैसा नहीं है।