मंडी. जिला बाल संरक्षण समिति की एक बैठक का आयोजन वीरवार को मंडी में उपायुक्त मदन चौहान की अध्यक्षता में किया गया. इस त्रैमासिक बैठक में समिति की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की गई. बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जिला में बाल संरक्षण कानूनों की अनुपालना सुनिश्चित की गयी है और बाल अधिकारों के प्रति सभी को जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिला में संचालित किए जा रहे पांच बाल गृहों में लगभग 325 बच्चों को प्रश्रय प्रदान किया गया है. उन्होंने कहा कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के माध्यम से विभिन्न मामलों का निस्तारण समयबद्ध ढंग से किया जा रहा है.
631 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया
जानकारी दी गई कि बाल अधिकारों व कानूनों के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से नौ शिविर लगाए गए जिनके माध्यम से दो हजार से अधिक प्रतिभागियों को लाभान्वित किया गया. इसके अतिरिक्त 12 प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर 631 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया. जानकारी दी गई कि बाल अधिकारों व पोक्सो जैसे कानूनों के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से समिति के माध्यम से जिला के स्कूलों में संभाषण के अतिरिक्त लघु फिल्म ‘कोमल’ का भी प्रदर्शन किया जाएगा. इस एनिमेशन फिल्म के माध्यम से बच्चों को अच्छे व गलत स्पर्श के बारे में जागरूक किया जाएगा.
नाबालिग बच्चों का पूरा ब्यौरा रखा जा रहा है
बच्चों को भिक्षावृत्ति के लिए मजबूर करने वाले तत्वों पर सख्त निगाह रखी जा रही है. इसके अतिरिक्त बाहरी राज्यों से आने वाले मजदूरों के नाबालिग बच्चों का पूर्ण ब्यौरा रखा जा रहा है ताकि कोई इसकी आड़ में बाल मजदूरी इत्यादि बच्चों से न करवा सके. अवांछित शिशुओं के संरक्षण के लिए क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में शिशु पालन केंद्र स्थापित किया गया है, जहां पर कोई भी इस तरह के अवांछित शिशुओं को रख सकता है और समिति के माध्यम से उन्हें शिशु देखभाल केंद्रों के सुपुर्द किया जाता है. इस पहल का उद्देश्य जन्म लेते ही अवांछित शिशुओं को निर्जन स्थानों में छोड़ देने वाले तत्वों पर रोक लगाना तथा अमूल्य मानव जीवन की सुरक्षा है.
नए शिशु पालना केंद्र की संभावनाएं
मदन चौहान ने स्वास्थ्य विभाग को जिला अस्पताल के अतिरिक्त नागरिक अस्पताल करसोग, सुंदरनगर, सरकाघाट तथा जोगिंद्रनगर में भी इस तरह के शिशु पालना केंद्र स्थापित करने की संभावनाएं तलाश करने के निर्देश दिए हैं. बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी (बाल देखभाल) डा. अनुराधा शर्मा, उप निदेशक शिक्षा (प्रारंभिक) के.डी. शर्मा, जिला कल्याण अधिकारी समीर, जिला पंचायत अधिकारी गिरीश समरा, जिला कार्यक्रम अधिकारी (बाल संरक्षण) अंजू बाला सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व प्रतिनिधि उपस्थित थे.