इम्फाल: मणिपुर में हिंसा पर अभी विराम नहीं लगा है. काकचिंग जिले के सेरो गांव में कुछ लोगों ने 100 घरों में आग लगा दी. इसमें कांग्रेस विधायक रंजीत सिंह का घर भी शामिल है. राज्य में 3 मई से मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों के बीच झड़प हो रही है. ताजा घटना को किस समुदाय के लोगों ने अंजाम दिया है, इसके बारे में जानकारी नहीं मिली है.
अब तक 98 लोगों की मौत हो चुकी है. 310 लोग घायल हो चुके हैं. वहीं, 37 हजार से ज्यादा लोगों को राहत शिविर में शिफ्ट किया गया. हिंसा के चलते 11 से ज्यादा जिले प्रभावित हुए हैं.
घरों से लोगों को सुरक्षित निकाला गया
अधिकारियों के मुताबिक, रविवार शाम को कुछ लोग सेरो गांव में आए और उन्होंने विधायक रंजीत के घर में तोड़फोड़ शुरु कर दी. विधायक और उनका परिवार बच गया. हिंसक भीड़ ने कई घरों को आग के हवाले कर दिया.
एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया, आग लगने के बाद घरों से लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया. उन्हें राहत शिविर में पहुंचाया गया. फायर ब्रिगेड ने बाद में आग पर काबू पाया.
BSF की पोस्ट पर मोर्टार से हमला
भीड़ ने जिले के ग्रामीण इलाकों में तैनात BSF के एक दल पर भी गोलीबारी की. पोस्ट पर मोर्टार से हमला किया गया. अभी तक कोई जवान हताहत नहीं हुआ. पुलिस को संदेह है कि BSF पोस्ट पर हमले के लिए संदिग्ध लोगों ने चुराए गए हथियारों का इस्तेमाल किया. इस बीच सुरक्षाबलों और हिंसक भीड़ के बीच गोलीबारी की भी सूचना मिली है.
मणिपुर में हुई हिंसा के बाद पूर्वोत्तर के कई अन्य राज्य भी चिंतित हैं. मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने कहा कि मणिपुर की समस्या गंभीर है और सीएम को दंगाइयों पर कड़ी कार्यवाई करनी चाहिए. नागालैंड ने भी अपनी सीमा पर सख्ती की है. बता दें कि मणिपुर में आधी आबादी मैतेई समुदाय की है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है की मैतेई समुदाय की मांग पर विचार करें और चार महीने के भीतर सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी जाए. मैतेई समुदाय की मांग है की उन्हें एसटी का दर्जा दिया जाए.
मैतेई समुदाय का कहना है कि आजादी से पहले उन्हें जनजाति का दर्जा मिला था. वही बीते कुछ सालों में मैतेई समुदाय की आबादी गिरी है. मैतेई समुदाय की मांग है की उसकी सांस्कृतिक पहचान को बचाने के लिए आरक्षण दिया जाना चाहिए. वहीं नगा और कुकी जनजाति इसके विरोध में है. नगा और कुकी राज्य की आबादी के करीब 34 फीसदी हैं.
गृह मंत्री ने हथियार सरेंडर करने की अपील की थी
मणिपुर में 3 मई को हिंसा भड़की थी, महीने भर बाद भी जब राज्य में हिंसा नहीं थमी तो गृह मंत्री अमित शाह 29 मई को चार दिन के दौरे पर मणिपुर पहुंचे. दौरे के आखिरी दिन शाह ने मणिपुर में लोगों से कहा था कि अफवाहों पर ध्यान न दें. हथियार रखने वालों को पुलिस के सामने सरेंडर करना होगा.
शाह ने कहा था कि 2 जून से सर्च ऑपरेशन शुरू होगा. अगर किसी के पास हथियार मिले तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद उपद्रवियों ने हथियार सरेंडर करना शुरू कर दिए थे. अब तक कुल 202 हथियार सरेंडर किए जा चुके हैं.
हिंसा की जांच के लिए 3 सदस्यीय आयोग का गठन
सरकार ने हिंसा की जांच के लिए 3 सदस्यीय आयोग का गठन किया है. इसकी अध्यक्षता गुवाहाटी हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अजय लांबा करेंगे. आयोग मणिपुर में हिंसा की वजह, प्रसार, दंगों की जांच करेगा और छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा.