नई दिल्ली. मेधा पाटकर को बुधवार धार जेल भेज दिया गया है. जब उन्हे जेल भेजा जा रहा था तब रात के 8 बज रहे थे. मेधा पाटकर को बुधवार की सुबह इंदौर के बॉम्बे अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया. इसके बाद, वे अन्य अनशनकारियों से मिलने के लिए धार जिला चिकित्सालय के लिए निकलीं. रास्ते में ही उन्हे पीथमपुर में गिरफ्तार किया गया. धारा-151 के तहत शांति भंग करने के आरोप में उन्हे गिरफ्तार किया गया है. मेधा पाटकर ने कहा है कि उन्होने अबतक अन्न ग्रहण नहीं किया है और उनका अनशन जारी रहेगा.
मालूम हो कि अनशन के 12वें दिन मेधा पाटकर को पुलिस ने अनशन स्थल चिल्खदा से हटाकर जबरन अस्पताल में भर्ती करवाया था. बुधवार की सुबह उनके हालत में सुधार को देखते हुए उन्हे बॉम्बे अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया. अस्पताल से छुट्टी मिलने के तुरंत बाद वे धार के जिला अस्पताल के लिए चलीं, जहां अन्य अनशनकारी भर्ती हैं. इस बीच वे पुलिस की सुरक्षा में रहीं. हालांकि उन्हें बीच रास्ते में ही पीथमपुरा से गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद उन्हें एसडीएम भव्या मित्तल के यहां पेश किया गया. एसडीएम ने डूब क्षेत्र में नहीं जाने के संबध में बांड भरने और मुचलका राशि जमा करने को कहा, जिसे मेधा पाटकर ने इनकार कर दिया. इसके बाद एसडीएम ने उन्हें जिले के धार जेल में भेजने का आदेश दिया. विधायक हनी वघेल ने मामले को सुलझाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी.
क़ानून की धज्जियाँ उड़ाते हुए आज के मैजिस्ट्रेट, देश देख रहा है आपकी ख़ुशी को महाशय इतिहास गवाह होगा आपकी भूमिका का #ReleaseMedhaNow pic.twitter.com/D34rsbGP9G
— NarmadaBachaoAndolan (@NarmadaBachao) August 9, 2017
जेल जाने से पहले मेधा पाटकर ने कहा कि एक महिला होने के बावजूद उन्हे रात में जेल भेजा जा रहा है जो सही नहीं है. उन्होनें कहा कि अस्पताल में उन्हे मोबाइल नहीं रखने दिया गया. मेधा पाटकर ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में उन्हें चिन्मय मिश्रा और एक अन्य व्यक्ति के अलावे किसी से मिलने नहीं दिया गया. जबकि उन्हे गिरफ्तार नहीं किया गया था. जब मेधा पाटकर को अस्पताल भेजा गया था उस समय मध्यप्रदेश के सीएम का बयान आया था कि पाटकर की बिगड़ती हालत को देखते हुए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है.
इधर, पुलिस ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा है कि मेधा पाटकर डूब क्षेत्र में कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश कर रही हैं. पुलिस ने अपने बयान में कहा है कि मेधा पाटकर पर पहले से ही कई मामले दर्ज हैं. 8 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने भी दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है फिर भी पाटकर डूब क्षेत्र में स्थिति बिगाड़ने की कोशिश कर रही हैं. पुलिस ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई से पहले जगह खाली करने का आदेश दे चुकी है.