अमेरिकी संसद ने भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया है. यह विधेयक एक अक्टूबर से लागू हो रहा है. कानून बनने के बाद रक्षा सौदों में, भारत-अमेरिका के बीच बड़ी डील होने की संभावना है. अमेरिका के 621.5 अरब डॉलर के रक्षा व्यय विधेयक में यह संशोधन, भारत के लिये बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है।
भारतीय अमेरिकी सांसद अमी बेरा ने यह संशोधन प्रस्ताव अमेरिकी संसद के समक्ष प्रस्तुत किया था. संशोधन पेश करते समय बेरा ने कहा, ‘अमेरिका दुनिया की सबसे पुरानी और भारत सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्था है. यह बहुत महत्वपूर्ण है कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए रणनीति विकसित की जाए.’ संशोधन प्रस्ताव पारित होने के बाद बेरा ने संसद का आभार जताते हुए कहा, ‘अमेरिका और भारत के बीच सहयोग से 21वीं सदी में सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने की हमारी साझा क्षमता बढ़ेगी’.
एनडीएए में संशोधन के बाद रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री के पास, रणनीति बनाने के लिये 180 दिन का समय होगा. एनडीएए को संशोधन के बाद सीनेट में पारित किए जाने की जरुरत होगी इसके बाद ही इसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर के लिए व्हाइट हाउस भेजा जा सकता है. एनडीएए-2018 में विदेश मंत्रालय और पेंटागन को दोनों देशों के बीच साझा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सक्षम रणनीति बनाने की जरूरत होगी. आगे से बनने वाले रक्षा नीति में अमेरिकी साझेदारों और सहयोगियों की भूमिका और रक्षा तकनीक एवं औद्योगिक पहल को महत्व दिया जाएगा.