मंडी (बल्ह). बल्ह में नेशनल हाइवे की हालत इतनी दयनीय है कि आए दिन यहां हादसे हो रहे हैं. इलाके के मंत्री महोदय इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं.चंडीगढ़ से मनाली के लिए जाने वाले नेशनल हाइवे-21 पर सफर करना जोखिम भरा हो गया है. हालत यह है कि समझ नहीं आता कि यहां नेशनल हाइवे पर गड्ढे पड़े हुए हैं. गड्ढ़ों में नेशनल हाइवे बनाया गया है. वाहन चालक गड्ढ़ों से बचने के चक्कर में कभी वाहन सड़क से बाहर भी निकाल देते हैं. लेकिन इस कारण हादसा हो जाता है.
दोपहिया वाहन चालक तो कई बार सीधे गड्ढों में ही घुसकर चोटिल हो चुके हैं. शिमला या चंडीगढ़ से मंडी पहुंचने वाले सभी नेता और अधिकारी यहीं से होकर गुजरते हैं, फिर भी कोई इसकी दयनीय हालत को सुधारने की जहमत नहीं उठा रहा है. गड्ढे इतने बड़े-बड़े हैं कि इनमें गाड़ी का टायर चले जाने पर पुर्जें तक टूट जाते हैं. नेशनल हाइवे पर वाहनों की जो रफ्तार होती है. उसपर ब्रेक लगाने का काम यह गड्ढे जरूर कर रहे हैं. जब मजबूरी में आपको गड्ढों से वाहन को गुजारना पड़ता है तो उस वक्त गाड़ी में बैठे लोगों का तन-मन कांपने लगता है.
लोगों के अनुसार बीते कुछ समय में हाइवे की हालत और भी दयनीय हो गई है. जबकि इसकी दशा सुधारने की कोई जहमत नहीं उठाई जा रही है. वहीं जब इस बारे में हमने बल्ह के विधायक एवं कैबिनेट मंत्री प्रकाश चौधरी से पूछा तो चौधरी साहब ने इसका सारा ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ दिया. मंत्री जी के अनुसार नेशनल हाइवे केंद्र सरकार के अधीन है और इसकी देखरेख उन्हीं का जिम्मा है. उन्होंने अपना फर्ज निभाते हुए अधिकारियों को इसकी दयनीय हालत के बारे में सूचित कर दिया है. लेकिन सुधार नहीं करवा सके. मंत्री जी मानते हैं कि फोरलेन के निर्माण कार्य की वजह से हाइवे की यह हालत हो रही है.
बहरहाल अब यह केंद्र सरकार की नाकामी है या राज्य सरकार की, इसका फैसला अब जनता चुनावों में करने वाली है. हाइवे की बदहाली सभी के समक्ष है और इसके लिए दोषी कौन हैं उन्हें भी जनता चुनावों में ही अपना परिणाम सुनाएगी.