लखनऊ. सपा के पूर्व प्रमुख मुलायम सिँह यादव कुश्ती के दांव पेंच का उपयोग राजनीति में बखूबी कर लेते हैं। आख़िरी वक़्त पर दाँव बदलना उनकी पुरानी आदतों में शुमार है, और कुछ ऐसा ही उन्होंने सोमवार की सुबह लखनऊ में फिर कर दिखाया जब एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित करने के दौरान वे फिर से पिता के रूप में आ गये और पत्रकारों की आशानुरूप बयान न देकर एक दूसरा बयान दे दिया और प्रेस वार्ता का मन्तव्य आख़िरी समय पर बदल गया।
समाजवादी परिवार से जुड़े लोगों में एक चर्चा आम है कि नेताजी का “चरखा ” दाँव कब किस रूप में सामने आयेगा इसका आकलन मुश्किल है। सीधे चलते हुये दाँये या बायें घूम जाना उनका प्रिय शगल है जो आज लखनऊ में पत्रकारों को फिर दिखा। पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश के राजनैतिक गलियारों में यह चर्चा आम थी कि नेताजी सोमवार को नयी पार्टी बनाने का ऐलान कर सकते हैं। लेकिन आखिरी वक़्त पर उन्होंने प्रेस नोट बदल दिया और अचानक से योगी एवं मोदी सरकार पर निशाना साधने लगे।
क्यूँ लिया नेताजी ने यूटर्न ?
पिछले एक पखवाड़े में लखनऊ में अटकलें थीं कि अपने बेटे और पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से समझौता न होने की वजह से वह नई पार्टी का ऐलान करेंगे। मुलायम सिँह ने मीडिया को सम्बोधित तो किया लेकिन नयी पार्टी का ऐलान करने के बजाय वह योगी-मोदी पर निशाना साधने लगे । इस बीच, एक दूसरी प्रेस रिलीज भी सामने आई है, जिसके कुछ शब्दों को पढ़कर कुछ अलग ही निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।
जो प्रेस विज्ञप्ति जारी होने वाली थी और नहीं हुयी उसका अवलोकन करने से प्रतीत होता है कि नेताजी आज नई पार्टी का ऐलान करने वाले थे। इस विज्ञप्ति में अपमानित होने, अलग दल बनाने जैसी बातें लिखी हुई हैं। हालांकि, आखिरी वक्त पर उस विज्ञप्ति को बदल दिया गया, जिसे मुलायम पढ़ने वाले थे, और उन्होंने एक अन्य विज्ञप्ति के अंश पढ़े जिसमें यूपी की कानून-व्यवस्था से लेकर केंद्र सरकार की नीतियों पर निशाना साधा गया था।
अखिलेश का अभिवादन
जैसे ही नेताजी ने नयी पार्टी का ऐलान करने के बजाय आख़िरी वक़्त पर बयान बदला, वैसे ही इस पत्रकार वार्ता का सजीव प्रसारण देख रहे उनके पुत्र एवं निवर्तमान सपा प्रमुख अखिलेश यादव की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा और वे अपने पिता के बदले मूड से खुश दिखे। मुलायम सिंह की पत्रकार वार्ता के दौरान ही अखिलेश ने ट्वीट किया जिसमे उन्होंने अपने पिता और समाजवादी पार्टी के सम्मान में नारे लगाये।
नेताजी ज़िंदाबाद समाजवादी पार्टी ज़िंदाबाद
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 25, 2017
अब क्या होगा ?
भाजपा समेत अन्य विरोधी दल इस इंतज़ार में बैठे थे कि नेताजी के ऐलान के बाद समाजवादी पार्टी में बची-खुची एकता भी ख़त्म हो जायेगी। लेकिन अंतिम वक़्त पर नेताजी द्वारा लिये गये इस यूटर्न को देखकर यह लग रहा है कि दोनों पक्षों में समझौते की गुंजाइश अब भी बाकी है। मुलायम और अखिलेश खेमे में रिश्ते और तल्ख़ हो गये थे जब शनिवार को हुए सपा के राज्य स्तरीय सम्मेलन में भी मुलायम सिंह नहीं पहुंचे थे। इससे अलावा बीते गुरुवार को मुलायम सिंह यादव ने लोहिया ट्रस्ट के सचिव पद से अखिलेश यादव के खास रामगोपाल यादव को हटा कर शिवपाल यादव को ट्रस्ट का सचिव बना दिया था।
लेकिन आज फिर से मुलायम सिंह ने यह साफ-साफ ऐलान कर दिया है कि वह नई पार्टी का गठन नहीं करेंगे। उन्होंने मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा कि अखिलेश उनके पुत्र हैं, इसलिए उनका आशीर्वाद उनके साथ है, लेकिन वे अखिलेश के कई फैसलों से सहमत नहीं है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान माना जा रहा था कि मुलायम अखिलेश पर निशाना साधेंगे, लेकिन इस मुद्दे पर उन्होंने गोल मोल जवाब दिये। उन्होंने कहा कि अखिलेश मेरे पुत्र हैं, लिहाजा मेरा आशीर्वाद उनके साथ है, लेकिन मैं उनके फैसले से सहमत नहीं हूँ। अखिलेश ने मुझसे कहा था कि मैं 3 महीने के लिए अध्यक्ष पद पर रहूंगा और बाद में आपका पद आपको दे दूंगा, जो जुबान का पक्का नहीं, वह कामयाब नहीं होगा। जिसने बाप का धोखा दिया वह दूसरे का क्या होगा? अखिलेश के जिन फैसलों से मैं खुश नहीं उनके बारे में उन्हें जल्द बताऊंगा।
इस पत्रकार वार्ता में शिवपाल यादव के गैरमौजूदगी चर्चा का विषय बनी रही। लेकिन नेताजी ने सत्तारूढ़ भाजपा पर जमकर निशाना साधते हुये कहा कि केंद्र सरकार ने तीन साल में कोई वादा पूरा नहीं किया। मोदी सरकार की नोटबंदी ने लोगों की कमर तोड़ दी, यूपी में कानून का शासन खत्म हो गया है। बीएचयू में लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं, यूपी सरकार की कथनी और करनी में बहुत फर्क है। प्रदेश की बिजली समस्या पर उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि गांव तो छोड़ लखनऊ में भी बिजली नहीं है, यूपी में योगी सरकार के बिजली के संबंध में सारे वादे फेल हो गये ।
लखनऊ की समझ रखने वाले जानकारों का मानना है कि नेताजी जल्द ही बीच का कोई रास्ता निकाल लेंगे और दोनों खेमों के बीच स्थितियां जल्द ही सामान्य हो जायेंगी।