शिमला. जयराम ठाकुर ने 26 साल की उम्र में पहला चुनाव लड़ा. उनका परिवार नहीं चाहता था कि वे राजनीति में जाए. मंडी का सराज विधानसभा क्षेत्र विधानसभा को प्रकृति ने सुंदरता का अपार भंडार बख्शा है. इसी विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत मूराहग के तांदी गांव में है भाजपा नेता जयराम ठाकुर का घर. 6 जनवरी 1965 को जेठू राम और ब्रिकू देवी के घर जन्मे जयराम ठाकुर का बचपन गरीबी में कटा. परिवार में 3 भाई और 2 बहनें हैं.
एबीवीपी से छात्र राजनीति हुई शुरू
जयराम ठाकुर को पढ़ा चुके अध्यापक लालू राम बताते हैं कि जयराम ठाकुर बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज थे. अध्यापक भी यही सोचते थे कि जयराम ठाकुर किसी अच्छी पोस्ट पर जरूर जाएंगे, लेकिन अध्यापकों को यह मालूम नहीं था कि उनका शिष्य प्रदेश की राजनीति का चमकता सितारा बन जाएगा.
जब जयराम ठाकुर वल्लभ कालेज मंडी से बीए की पढ़ाई कर रहे थे. तो उन्होंने एबीवीपी के माध्यम से छात्र राजनीति में प्रवेश किया. यहीं से शुरुआत हुई जयराम ठाकुर के राजनीतिक जीवन की. जयराम ठाकुर ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा. एबीवीपी के साथ-साथ वे संघ से भी जुड़े और कार्य करते रहे. घर परिवार से दूर जम्मू-कश्मीर जाकर एबीवीपी का प्रचार किया और 1992 में घर लौटे.
भाई ने दी खेतीबाड़ी संभालने की सलाह
घर लौटने के बाद वर्ष 1993 में जयराम ठाकुर को भाजपा ने सराज विधानसभा क्षेत्र से टिकट देकर चुनावी मैदान में उतार दिया. जब घरवालों को इस बात का पता चला तो उन्होंने इसका विरोध किया. जयराम ठाकुर के बड़े भाई बीरी सिंह बताते हैं कि परिवार के सदस्यों ने जयराम ठाकुर को राजनीति में न जाकर घर मे खेतीबाड़ी संभालने की सलाह दी थी, क्योंकि चुनाव लड़ने के लिए परिवार की आर्थिक स्थिति इजाजत नहीं दे रही थी.
26 की उम्र में चुनावी मैदान में
जयराम ठाकुर ने अपने दम पर राजनीति में डटे रहने का निर्णय लिया और विधानसभा का चुनाव लड़ा. उस वक्त जयराम ठाकुर मात्र 26 वर्ष के थे. यह चुनाव जयराम ठाकुर हार गए. वर्ष1998 में भाजपा ने फिर से जयराम ठाकुर को चुनावी रण में उतारा. इस बार उन्होंने जीत हासिल की और उसके बाद विधानसभा चुनाव में कभी हार का मुंह नहीं देखा.
वर्ष 1995 में उन्होंने जयपुर की डॉ. साधना सिंह के साथ शादी की. जयराम ठाकुर की दो बेटियां हैं. आज अपने बेटे को इस मुकाम पर देखकर माता का दिल फूले नहीं समाता. जयराम ठाकुर के पिता जेठू राम का गत वर्ष देहांत हो गया है. जय राम ठाकुर की माता ब्रिकू देवी ने बताया कि उन्होंने विपरित हालात में अपने बच्चों की परवरिश की है.
कई पदों का संभाला कार्यभार
जयराम ठाकुर एक बार सराज मंडल भाजपा के अध्यक्ष, एक बार प्रदेशाध्यक्ष, राज्य खाद्य आपूति बोर्ड के उपाध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. जब जय राम ठाकुर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष थे तो भाजपा प्रचण्ड बहुमत के साथ सत्ता में आई थी जयराम ठाकुर ने उस दौरान सभी नेताओं पर अपनी जबरदस्त पकड़ बनाकर रखी थी. पार्टी को एकजुट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. यही कारण है कि आज इस नेता का नाम शीर्ष पद को लेकर चला है. अब वह लगभग तय है. वह लगातार पांचवीं बार विधायक बने है.