उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर नीतीश कुमार ने एक बार फिर से विपक्ष को झटका दिया है. 11 जुलाई को विपक्ष के द्वारा बुलाई गई बैठक में नीतीश कुमार शामिल नहीं होंगे. माना यह जा रहा था कि इस बैठक में उपराष्ट्रपति पद के साझा उम्मीदवार पर चर्चा करने के लिए विपक्षी दल एकत्रित होने वाले हैं. वहीं 11 जुलाई को ही जदयू ने अपने पार्टी के विधायकों और सांसदों की बैठक पटना में बुलाई है. ऐसे में जदयू का विपक्ष के बैठक में भाग नहीं लेने से तस्वीर कुछ साफ़ होते दिख रही है.
मंगलवार को होने वाली 17 विपक्षी दलों की होने वाली बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी. वहीं कयास यह भी लगाये जा रहे हैं कि जेडीयू पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव को बैठक में शामिल होने को कह सकती है. यह भी हो सकता है कि नीतीश कुमार विपक्ष के उम्मीदवार का अपनी पसंद के चलते समर्थन करें. वहीं, बीजेपी उन्हें अपने पक्ष में लाने के लिए बिहार से ही उपराष्ट्रपति पद के किसी उम्मीदवार की घोषणा कर सकती है.
सबसे अहम बात यह है कि इस महीने अप्रैल में नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से मुलाकात कर राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करने की मांग की थी. लेकिन नीतीश कुमार ने कांग्रेस को झटका देते हुए एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का ऐलान किया.