मंडी. सियासत में यारी दुश्मनी दोनों ही स्थाई नहीं होती. कल तक कौल सिंह ठाकुर के सिपहसालार के रूप में उनकी ढाल बन कर पूर्ण चंद ठाकुर बतौर जिला कांग्रेस अध्यक्ष जवाहर ठाकुर के हर आरोप का जवाब देते थे. मगर अब विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्ण चंद ठाकुर ने बगावत कर कौल सिंह के खिलाफ न केवल चुनाव लड़ा बल्कि एक तरह से उन्हें चुनाव हराने में अहम भूमिका अदा की. अगर पूर्ण चंद ठाकुर बगावत न करते तो उन्हें मिलने वाले वोट कौल सिंह ठाकुर के खाते में जाते. जिससे कौल सिंह ठाकुर को नुकसान उठाना पड़ा. जितने वोट पूर्ण चंद ठाकुर ने लिए लगभग उतने ही मतों से कौल सिंह ठाकुर मात खा गए.
वहीं, द्रंग के भाजपा विधायक जवाहर ठाकुर ने इस गणित को समझते हुए पूर्ण चंद ठाकुर से हाथ मिला लिया. मुख्यमंत्री के मंडी प्रवास के दौरान पूर्ण चंद ठाकुर ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और जवाहर ठाकुर से अपने भाईचारे का जिक्र भी किया. इस पर मुख्यमंत्री ने पूर्ण चंद ठाकुर से कहा कि अब आगे भी दोनों साथ रहना अब इनका साथ मत छोडऩा. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि देर सवेर अब अगर पूर्ण ठाकुर भाजपा में शमिल हो जाएं तो हैरानी नहीं होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री के दाएं-बांए द्रंग के दो धर्मभाई जवाहर एवं पूर्ण ठाकुर