जयपुर: राजस्थान की गहलोत सरकार अब लोगों को लुभाने के लिए स्वरोजगार की ओर बढ़ रही है. इसके लिए सरकार की मंत्री शकुंतला रावत ने काम शुरू कर दिया है. विश्वकर्मा कामगार कल्याण योजना की घोषणा की अनुपालना में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग द्वारा योजना की अधिसूचना जारी होने पर इसके क्रियान्वयन की तैयारियां शुरू कर दी गई है.
राज्य सरकार द्वारा स्वरोजगार के लिए बेहतर अवसर प्रदान किए जाएंगे
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग मंत्री शकुन्तला रावत ने कहा कि राज्य में महिलाओं, कामगार, विभिन्न वर्ग यथा हस्तशिल्पी, केश कला, माटी कला के दस्तकार एवं घुमन्तु वर्ग के व्यक्तियों को स्वयं का रोजगार के लिए यह योजना प्रारम्भ की गई है. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत एक लाख लोगों को आवश्यक किट, उपकरण, सिलाई मशीन इत्यादि खरीदने के लिए पांच हजार रुपये की सहायता दी जाएगी. उन्होंने कहा कि इस योजना से राज्य में स्वरोजगार के कई अवसर होंगे.
यह रहेगा योजना का स्वरूप
मंत्री शकुन्तला रावत ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत राजस्थान शिल्प एवं माटी कला बोर्ड, राजस्थान राज्य केश कला बोर्ड, राजस्थान राज्य विमुक्त घुमन्तु एवं अर्द्ध घुमन्तु कल्याण बोर्ड, राजीविका एवं कार्यालय आयुक्त उद्योग एवं वाणिज्य के माध्यम से हस्तशिल्प, केश कला के कामगार को लाभ मिलेगा.
इसी तरह माटी कला के दस्तकार एवं घुमन्तु वर्ग के व्यक्तियों एवं राजीविका, एनयूएलएम की महिलाओं, श्रम विभाग के चयनित कामगारों को स्वयं का रोजगार प्रारम्भ करने के उद्देश्य से आधुनिक आवश्यक किट, आधुनिक उपकरण, सिलाई मशीन इत्यादि उपलब्ध कराये जाएंगे.
विश्वकर्मा कामगार कल्याण योजना में लाभान्वित कामगारों की सूची
- महिलाएं तथा वंचित वर्ग
- हस्तशिल्प
- कारीगर
- लोहार
- हलवाई
- सुनार
- कुमार
- केश कला
- माटी कला
- टोकरी बनाने वाले
- बढ़ई
- दर्जी और मोची आदि
पहचान पत्र धारक ही होंगे पात्र
उन्होंने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत विभिन्न बोर्ड एवं विभाग द्वारा जारी पहचान पत्र धारक पात्र होंगे. उन्होंने कहा कि योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए विभिन्न बोर्ड एवं विभाग को निश्चित संख्या में तय लक्ष्यों के अनुरूप आवेदकों को लाभान्वित करने का लक्ष्य तय कर दिया गया है. न्यूनतम 18 वर्ष से लेकर अधिकतम 40 वर्ष तक के आवेदक इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं.