मंडी (द्रंग). हिमाचल की चुनावी कवरेज पर निकली पंचायत टाइम्स की टीम बीच-बीच में चुनावी मूड से निकल कर कुछ ऐसे मुद्दों पर भी लाइव करती रहती है जो इस राज्य की मुकम्मल तस्वीर पेश कर सके. इस बार हमारे संवाददाता राजन पांडेय, मंडी की द्रंग विधानसभा में स्थित नमक के काले पहाड़ों पर अपनी लाइव रपट पेश कर रहे हैं.
2011 में बंद उत्पादन हो गया शुरू
राजन बताते हैं, द्रंग में काले नमक के पहाड़ मौजूद हैं जिसे अंग्रेजी में हिमालयन रॉक सॉल्ट भी कहते हैं. जैसाकि नाम से जाहिर है यहां कि चट्टानों से काला नमक मिलता है. द्रंग में नमक की खान है जिसे पुनर्जीवित करने का काम चल रहा है. हिंदुस्तान सॉल्ट कॉर्पोरेशन पहले यह खान चलाता जो 2011 में बंद हो गयी. भाजपा के सांसद राम स्वरूप वर्मा ने इसे शुरू करने में खासी दिलचस्पी दिखाई. यह एक सुरंग वाली खदान है जहां से एक वैगन के जरिये नमक निकाला चाएगा. अभी बुनियादी काम यहां जारी है.
काले नमक का रूप और गंध
पहाड़ों की मिट्टी का रंग यहां पर कुछ बदला हुआ सा है, जिस पर लोगों का कहना है कि रंग में बदलाव की वजह काले नमक में मौजूद आयरन की वजह से होता है जबकि उसकी महक का कारण सल्फर होता है. पाकिस्तान में भी इसका उत्पादन होता है औकर नेपाल में भी लेकिन नेपाल में इसके व्यवसायिक उत्पादन की जानकारी नहीं मिल पायी.
जल्द शुरू होगा बंपर उत्पादन
हिंदुस्तान सॉल्ट्स लिमिटेड के साइट कार्यालय में पहुंच कर राजन, रॉक सॉल्ट के एक सैंपल को हाथ में लेकर वहां मौजूद अभिमन्यु शर्मा से बात करते हैं. इस रूप में इसमें कई अशुद्धियां होती हैं. जिसमें मड पार्टिकल के अलावा और कई अशुद्धियां भी होती हैं. वह बताते हैं कि उत्पादन को बंपर लेवेल पर शुरू करने के लिये जरूरी लोग अब मिल गये हैं और जल्द ही बड़े स्तर पर उत्पादन शुरू हो जाएगा. अभिमन्यु बताते हैं कि साल 2011 में उत्पादन बंद होने की वजह वह वन विभाग से संस्तुति न मिलना था लेकिन अब हमें 50 साल के लिये लीज मिल चुकी है इसलिये यहां से उत्पादन अब चलता रहेगा.