सिरमौर(श्री रेणुका जी). रेणुका विकास बोर्ड ने पुरानी देवठी यानि भगवान परशुराम के पुराने मंदिर रेणुका मे जीर्णोद्वार का काम लगभग पूरा हो गया है. इस काम को बोर्ड ने पठानकोट कांगडा के राजमिस्त्रियों को दिया था. पुरानी देवठी के गुंबद को तोड़कर नया बनाया गया है.
इस मंदिर का गुंबद दक्षिण शैली का बनाया गया है. जबकि स्लोप वाला हिस्सा हिमाचली शैली का बनाया गया है. इस निर्माण पर लगभग 6 से 8 लाख रूपये खर्च किए गए है. रेणुका विकास बोर्ड के अध्यक्ष एवं सीपी एस विनय कुमार ने बताया कि पुरानी देवठी का एस्टीमेट व डिजाइन रेणुका बांध के सीनियर मैनेजर प्रदीप मेहरा ने लगन व मेहनत से तैयार किया था. इसके निर्माण की पूरी देख रेख का जिम्मा उन्हे ही सौंपा गया था.
सीपी एस विनय कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर इसके वास्तविक स्वरूप से कोई छेड़छाड़ नही की गई है. केवल मंदिर की उंचाई बढाई गई है. मंदिर के गुंबद पर भव्य कलश लगाया गया है. जो दूर से ही नजर आ रहा है. पुरानी देवठी मे यात्रियो को मंदिर से बाहर जाने के लिए एक और नया दरवाजा लगाया गया है.
रेणुका विकास बोर्ड के उपाअध्यक्ष एवं डीसी सिरमौर बी सी बडालिया ने बताया कि मंदिर का निर्माण कार्य लगभग 5 माह में तैयार किया गया है. भगवान परशुराम का यह मंदिर प्राचीन धरोहर है, जिसकी पुरातन शैली को बरकरार रखा गया है. मंदिर के बरामदे मे ग्रैनाइट का पत्थर लगाया गया है.
रेणुका विकास बोर्ड के सीईओ रविन्द्र गुप्ता ने बताया कि पुरानी देवठी की गुंबद की हालत खस्ता थी. इस मंदिर के गर्भ गृह मे एक दरवाजा भी निकाला गया है. ताकि श्रदालुओं के लिए आने व जाने का अलग-अलग रास्ता हो. इसके अलावा माता रेणुका के मंदिर व भगवान परशुराम के पुरानी देवठी के अन्दर सनमाईका का काम किया गया है. माता रेणुका मंदिर के पास एक छोटा सा पार्क भी बनाया गया है. मंदिर के आसपास अन्य मरम्मत के कार्य भी किए गए है.