शिमला(जुब्बल-कोटखाई). महिलाएं अपना हर फैसला खुद लें, कभी किसी दबाव में न आयें. मन मे जो भी कार्य करने की इच्छा है उसको करने के हर प्रयास करें, कभी पीछे न हटें. महिलाएं हमेशा एक दूसरे की ताकत बनें. किसी एक के खिलाफ कोई अत्याचार या अन्याय हो तो सभी एकजुट हो जाये. देश की सबसे कम उम्र की बीडीसी अध्यक्ष प्रज्जवल बस्टा ने पंचायत टाइम्स से साझा किया कि डरें नहीं और अपने आपको सशक्त बनायें. पेश है ‘हिंदुस्तान यंग अचीवर’ और ‘वीमेन अचीवर अवार्ड’ लेने वाली प्रज्जवल बस्टा से पंचायत टाइम्स की ब्यूरो प्रमुख सीमा शर्मा खास बातचीत.
जुब्बल कोटखाई के किसान परिवार की बेटी
देश की सबसे कम उम्र की पंचायत समिति अध्यक्ष यानी बीडीसी अध्यक्ष प्रज्जवल बस्टा महज 23 साल की हैं. जुब्बल कोटखाई के छोटे से गांव पांदली के बागवान किसान रविन्द्र सिंह की बेटी हैं. मां तारा बस्टा गृहिणी हैं और प्रज्जवल से छोटे 6 भाई-बहन और हैं. प्रज्जवल ने 12वीं तक की पढ़ाई कोटखाई से की और आगे की पढ़ाई के लिए शिमला के राजकीय कन्या महाविद्यालय में दाखिला लिया.
पत्रकारिता का भी अनुभव
वर्तमान में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से विधि विभाग से पढ़ाई कर रही हैं. इसके अलावा प्रज्जवल प्रशिक्षित क्लासिकल डांसर हैं और पत्रकारिता का भी अनुभव है. पंचायती राज चुनाव में बीडीसी का चुनाव जीतकर जुब्बल कोटखाई से बीडीसी अध्यक्ष चुनी गईं. हाल ही में प्रज्जवल देश का प्रतिनिधित्व रशिया में कर आई हैं.
रशिया का अनुभव?
प्रज्जवल ने कहा कि रशिया का अनुभव नया व बेहद ही अच्छा अनुभव था. उन्होंने कहा कि उनको वहां जाकर बहुत कुछ नया सीखने को मिला. दुनिया भर से आये युवाओं के साथ बातचीत मेलमिलाप व अपने देश की संस्कृति को जिस तरह एक दूसरे से साझा किया वह यादगार अनुभव था. उन्होंने इसके लिए खेल एवं युवा मामले मंत्रालय को धन्यवाद कहा. उन्होंने कहा कि छोटे से राज्य की लड़की को मौका दिया, यह एक बड़ी बात है.
राजनीति में कैसे आईं?
प्रज्जवल ने कहा कि वह किसी राजनीतिक परिवार से नहीं है. उन्होंने कहा कि बस लोगों के लिए कुछ करने का जज्बा है. उनका कहना है कि वह स्कूल व कॉलेज टाइम से सामाजिक कार्यों में भाग लेती रहती थी, धीरे-धीरे ये जज्बा ऐसे ही बढ़ता गया और लोगों ने भी सेवा का मौका दे दिया.
भविष्य की प्लानिंग, एमएलए के चुनाव लड़ेंगी क्या?
प्रज्जवल ने कहा कि आगे भविष्य की कोई प्लानिंग नहीं है. मैं कभी योजना बनाकर कार्य नहीं करती. उनका कहना है कि अभी केवल एक ही लक्ष्य है कि जो जिम्मेदारी अभी मुझे मिली है उसको बखूबी निभाना है.
बतौर बीडीसी अध्यक्ष क्या उपलब्धि रही?
प्रज्जवल ने कहा कि बजट समस्या के कारण कार्य करने में थोड़ी परेशानी हुई है. अभी दो साल में सिर्फ एक बार बजट आया है. उन्होंने कहा जो लोग कोई समस्या या काम लेकर आये, विभिन्न विभागों में जाकर उसे पूरा करवाया व समस्या को दूर किया.
महिलाओं को सशक्त करने के लिए कोई योजना या काम किया?
प्रज्जवल ने कहा कि महिलाओं को सशक्त करने के लिए सरकारी दस्तावेज बनाये गए. उन्होंने कहा कि योजना के बारे में महिलाओं को वह बताती रहती हैं. उन्होंने कहा कि ‘महिला एवं बाल विकास मंत्रालय’ के सहयोग से महिला सशक्तिकरण के लिए कई कैम्प लगाये गए. गर्ल चाइल्ड व महिलाओं के अधिकारों को लेकर भी कई कैम्प लगाए गए. जुब्बल कोटखाई में ऐसे कार्य इससे पहले कभी नहीं हुए.
युवा पीढ़ी के लिए संदेश?
प्रज्जवल युवा पीढ़ी के लिए सन्देश में कहती हैं कि ‘हम देश का भविष्य तय करते हैं इसलिए देश को आगे ले जाने में योगदान दें. समाज के प्रति अपनी अपनी जिम्मेदारी को लेना और उसे बखूबी निभाना चाहिए. युवा देश के विकास व समाज सुधार के कार्य करने आगे आएं. अधिक से अधिक युवाओं की राजनीति में भाग लेना चाहिए.’