धर्मशाला. केंद्र सरकार की अनदेखी से नाराज करीब डेढ़ हजार मिड-डे मील और आंगनबाड़ी कर्मियों ने गाँधी चौक से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक रैली निकाली और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने उपायुक्त के माध्यम से अपनी मांगों का डिमांड चार्ट राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजा है. हड़ताली वर्कर्स न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी सहित नियमित करने की मांग कर रहे हैं.
मजदूर संगठन सीटू से संबंधित मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन, आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर यूनियन ने आज एक दिन की हड़ताल कर केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोला है.
हड़ताली वर्करों की प्रमुख मांगे
मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन की जिला कांगड़ा की अध्यक्ष श्रेष्ठा देवी ने बताया कि बीते नौ वर्षों से उन्हें केवल एक हजार रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जा रहा है. महंगाई कई गुणा बढ़ने के बावजूद मिड-डे मील वर्कर्स को राहत देने के नाम पर कुछ नहीं किया जा रहा है. उन्होंने मांग की कि मिड-डे मील वर्कर्स को प्रतिमाह 6,300 रुपये वेतन दिया जाए और 45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुसार वर्कर्स को पक्का किया जाए.
यूनियन की अध्यक्ष ने कहा कि जबसे केंद्र में भाजपा की सरकार आई है, तब से आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्परों के वेतन में एक रुपये की भी बढ़ोतरी नहीं हुई है. भाजपा ने चुनाव से पहले महिलाओं को सम्मानजनक वेतन देने की बात कही थी, लेकिन साढ़े तीन साल के कार्यकाल के बाद भी वेतन में बढ़ोतरी नहीं की गई है. उन्होंने कहा की अगर केंद्र सरकार उनकी मांगों को जल्द नहीं मानती है तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे.