शिमला. निजी शैक्षणिक संस्थान नियामक आयोग ने छात्रों व शिक्षकों को 99 लाख रुपये वापिस करवाये. विश्वविद्यालय तथा उच्च शैक्षणिक संस्थानों ने आयोग की मध्यस्थता के उपरान्त प्रवेश फीस, सिक्योरिटी तथा शिक्षक स्टाफ के वेतन की अदायगी के लिए 99,51,235 रुपये वापस किए हैं. प्रदेश में 17 फर्जी उच्च शिक्षा संस्थानों को बंद करने के निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि इन निजी उच्च शिक्षा संस्थानों में डिग्री व सर्टिफिकेट के नाम पर छात्रों का भविष्य खराब न हो.
निजी शैक्षणिक संस्थान नियामक आयोग (पीइआरसी) द्वारा मंगलवार को ‘हिमाचल प्रदेश’ में निजी उच्च शिक्षा चुनौतियां तथा अवसर’ के विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. हिमाचल प्रदेश निजी शैक्षणिक संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष डा. के.के. कटोच ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य हिमाचल प्रदेश में गुणात्मक शिक्षा के लिए इस तरह निजी शैक्षणिक संस्थानों को विकसित करना है, जिससे लोगों में निजी संस्थानों से शिक्षा प्राप्त करने का भय व उपेक्षाएं समाप्त की जा सकें.
वेब-पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध करवाई जा रही है
उन्होंने आगे कहा कि पीइआरसी प्रदेश में निजी उच्च शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश, शिक्षण, परीक्षा, अनुसंधान, विस्तार कार्यक्रम के लिए उचित मानक तथा छात्रों के हितों के संरक्षण को सुनिश्चित करेगा. आयोग निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश आधार को तर्कसंगत बनाने की कोशिश कर रहा है, ताकि राज्य के सभी निजी विश्वविद्यालयों में मेरिट के आधार पर प्रवेश सुनिश्चित हो. इस बारे आम लोगों तक जानकारी सुनिश्चित करने के लिए निजी विश्वविद्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों को सभी जानकारी वेब-पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध करवाई जा रही है, ताकि व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रहे.
डा. कटोच ने कहा कि आयोग शिकायत की सुनवाई की प्रक्रिया के माध्यम से छात्रों की शिकायतों का निवारण कर रहा है. सम्मेलन में भाग ले रहे राज्य के निजी विश्वविद्यालयों के उप-कुलपति तथा रजिस्ट्रार अपने विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के सर्वश्रेष्ठ स्तर को सुनिश्चित बनायेंगे, ताकि प्रदेश में विश्व स्तरीय निजी विश्वविद्यालय तथा शिक्षण संस्थान विकसित किए जा सकें.
पीइआरसी की सचिव सुनीता कापटा ने कहा कि आयोग निजी शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षा प्रणाली को संचालित करने के अतिरिक्त निजी संस्थानों को छात्रों को सर्वश्रेष्ठ तथा गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रेरित कर रहा है.
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों तथा निजी शैक्षणिक संस्थानों के उप-कुलपति, रजिस्ट्रार, मुख्य कार्यकारी तथा प्रशासक भी उपस्थित रहे.