शिमला: हिमाचल प्रदेश में एचपी शिवा परियोजना को पंख लगने वाले हैं. इस परियोजना पर केंद्र सरकार और एशियन बैंक के साथ राज्य सरकार का समझौता हुआ है. इस समझौते में सात जिलों में योजना के तहत बागबानी को विकसित किया जाएगा.
1292 करोड़ का बागबानी प्रोजेक्ट क्लीयर
इस परियोजना पर 1292 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च की जाएगी. इसमें एशियन बैंक से 1030 करोड़ रुपए राज्य को मिलेंगे, जबकि 262 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी राज्य सरकार की गी 2 8 विकास खंडों में इस प्रोजेक्ट को चलाया जाएगा और 162 सिंचाई योजनाएं विकसित की जाएंगी .इस प्रोजेक्ट का फायदा इन सभी सातों जिलों में करीब 15 हजार परिवारों को होगा.
सात जिलों में होगा विस्तार
परियोजना में लगभग 60 लाख फल पौधे रोपने का लक्ष्य रखा गया है, जो राज्य ही नहीं, बल्कि देश के पर्यावरण संतुलन में सहायक होने के साथ ही जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों को भी कम करेग. इस परियोजना में 7 जिलों बिलासपुर, हमीरपुर, कांगडा, मंडी, सोलन, सिरमौर और ऊना को शामिल किया गया है. 162 सिंचाई योजनाओं के माध्यम से 400 बागबानी क्लस्टरों के 6000 हेक्टेअर क्षेत्रफल में दो चरणों में पूरा किया जाएगा. इनमें संतरा, अमरूद, अनार, लीची, आम, प्लम और जापानी फल सहित अन्य का रोपण किया जाएगा.
इनमें दो हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में 143 क्लस्टरों को चिह्नित किया जाना बाकी है.सगौरतलब है कि एचपी शिवा परियोजना के पायलट फेज का पूर्व में ही सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा चुका है. इसमें 17 क्लस्टरों के अंतर्गत 200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फलदार पौधों का रोपण किया गया है. इनमें से 12 पायलट क्लस्टरों के किसानों ने संतरा, अमरूद और अनार का उत्पादन कर आर्थिक लाभ लेना आरंभ कर दिया गया है.
एचपी शिवा परियोजना के तहत उद्यान विभाग को अधिशाषी संस्था और जलशक्ति विभाग कार्यान्वयन संस्था नियुक्त किया गया है. इसके तहत उद्यान विभाग नोडल संस्था के रूप में कार्य कर रहा है. उद्यान विभाग के अंतर्गत परियोजना क्रियान्वयन के लिए एक परियोजना प्रबंधन इकाई की स्थापना की गई है. संबंधित परियोजना घटकों के क्रियान्वयन के उद्देश्य से दो पृथक परियोजना कार्यान्वयन इकाइयां (पीआईयू) भी उद्यान विभाग और जलशक्ति विभाग में स्थापित की गई है.