सोलन. पीने के पानी को लेकर सोलनवासी पिछले आठ दिनों से परेशान हैं. बरसात के दिनों में भी सोलन के लोगों को हर साल इसी तरह पानी की समस्या से जूझना पड़ता है. लेकिन कोई भी सरकार इस समस्या को दूर करने में गंभीरता नहीं दिखा रहा है . शहर में पानी की आपूर्ति के लिए लिए दो योजनायें बनाई गई है एक गिरी नदी योजना और दूसरी अश्वनी खड्ड पेयजल योजना, इसके बाद भी लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है.
रोजना 18 गैलन पानी की खपत
शहर की आबादी के अनुसार हर रोज करीब 18 हजार गैलन पानी की खपत है. जबकि आजकल कुल 7 से 8 हजार गैलन पानी वितरित किया जा रहा है. पानी के मुख्य टैंक खाली पड़े हैं. उनमें गंदगी भी काफी भर गयी है. नगर परिषद और प्रशासन के पास एक ही जवाब है कि सिल्ट आने के कारण पानी मुख्य टैंकों तक नहीं पहुंच रहा है. जबकि हकीकत तो ये है कि सोलन के लोगों को दिए जाने वाला पानी अन्य पंचायतों को दिया जा रहा है. जिस कारण सोलन वासी पानी की समस्या से जूझ रहे हैं
सोलन के उपायुक्त राकेश कंवर ने कहा कि सिल्ट आने की वजह से पानी की आपूर्ति सोलन में 8 दिन बाद की जा रही है. मुख्य पानी के टैंकों तक बरसात की वजह से आवश्यकता अनुसार पानी नहीं पहुंचने के कारण लोगों को पीने के पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है.
पेयजल योजनाओं में है खामियां
असल में सोलन शहर को पानी की सप्लाई करने वाली पेयजल योजनाओं में कई खामियां हैं. पानी की मुख्य पाइपों में जोड़ सही ना होने के कारण प्रतिदिन हज़ारों लीटर पानी बाहर निकलकर सड़कों पर बह रहा है, जिसकी शिकायत विभाग को करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.