नई दिल्ली. देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) को आज पांच नए जज मिले हैं, जिससे अब शीर्ष अदालत में कुल जजों की संख्या 32 हो गई है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट में 2 जजों की नियुक्तियां होनी शेष हैं. सुप्रीम कोर्ट में इस समय स्वीकृत जजों की संख्या 34 है.
मुख्य न्यायाधीश ने दिलाई शपथ
सोमवार को जिन जजों को शपथ दिलाई गई है उनमें, राजस्थान, पटना और मणिपुर के उच्च न्यायालयों के तीन मुख्य न्यायाधीश – न्यायमूर्ति पंकज मित्तल, न्यायमूर्ति संजय करोल और पीवी संजय कुमार के साथ पटना उच्च न्यायालय के जज अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जज मनोज मिश्रा ने शपथ ली. भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने सुप्रीम कोर्ट के नए भवन में बने सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में इन जजों को शपथ दिलाई गई.
1. जस्टिस पंकज मित्तल
सुप्रीम कोर्ट के जिन पांच जजों ने आज शपथ ली है उनमें सबसे वरिष्ठ न्यायमूर्ति पंकज मित्तल हैं, जिनका मूल कैडर इलाहाबाद हाई कोर्ट है. मित्तल 14 अक्टूबर 2022 से राजस्थान उच्च कोर्ट के मुख्य जज के रूप में कार्यरत थे. 17 जून, 1961 को जन्में न्यायमूर्ति मित्तल ने 1982 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने 1985 में मेरठ कॉलेज से एलएलबी पूरी कर उसी वर्ष उत्तर प्रदेश की बार काउंसिल में एक वकील के रूप में पंजीकरण कराया. इसके बाद 1985 में उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में वकालत शुरू की थी.
जज के रूप में न्यायमूर्ति मित्तल को 7 जुलाई, 2006 को इलाहाबाद हाई कोर्ट में अतिरिक्त जज के रूप में पदोन्नत किया गया था जिसके बाद 2 जुलाई, 2008 को उन्होंने स्थायी जज के रूप में शपथ ली. बाद में उन्होंने 4 जनवरी, 2021 को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए साझा उच्च कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली. इसके बाद 12 दिसंबर 2022 को उनका नाम सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में भेजा गया था.
2. जस्टिस संजय करोल
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से आने वाले संजय करोल ने भी दूसरे वरिष्ठ न्यायमूर्ति के रूप में शपथ ली. जब उनको पदोन्नति मिले थी तब वह पटना उच्च कोर्ट के चीफ जस्टिस थे. 23 अगस्त, 1961 को जन्मे न्यायमूर्ति करोल ने शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल से पढ़ाई करने के बाद गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, शिमला से इतिहास में ऑनर्स के साथ स्नातक किया. इसके बाद उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून में डिग्री प्राप्त की और 1986 में एक वकील के रूप में नामांकित किया गया.
न्यायमूर्ति करोल को संविधान, कराधान, कॉरपोरेट, आपराधिक और दीवानी से संबंधित मामलों में महारत हासिल है. साल 1999 में करोल को सुपर्म कोर्ट में एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था.
करोल 1998 से लेकर 2003 तक हिमाचल प्रदेश के महाधिवक्ता भी रहे. वहीं, 8 मार्च, 2007 को जस्टिस करोल को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया गया था. जिसके बाद उन्हें 25 अप्रैल, 2017 से अदालत के कार्यवाहक चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया था.
बाद में उन्हें 9 नवंबर, 2018 को त्रिपुरा हाईकोर्ट और 11 नवंबर, 2019 को पटना हाईकोर्ट के मुख्य जज के रूप में नियुक्त किया गया था. इसके बाद 12 दिसंबर 2022 को उनका नाम सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार के पास भेज दिया गया था.
3. जस्टिस पीवी संजय कुमार
तेलंगाना हाई कोर्ट से जुड़े हुए न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार ने भी सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ ली. इससे पहले वो मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य जज थे. जस्टिस पीवी संजय कुमार का जन्म 14 अगस्त, 1963 को हुआ था. उन्होंने हैदराबाद के मशहुर निजाम कॉलेज, से वाणिज्य में स्नातक करने के बाद 1988 में दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की थी. अगस्त 1988 में न्यायमूर्ति संजय कुमार ने आंध्र प्रदेश की बार काउंसिल के सदस्य के रूप में पंजीकरण कराया और 2000 से 2003 तक आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में एक सरकारी वकील के रूप में काम किया.
Justice PV Sanjay Kumar
इसके बाद उन्हें 8 अगस्त, 2008 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के एक अतिरिक्त जज के रूप में पदोन्नत किया गया था. वहीं, 20 जनवरी, 2010 को जस्टिस संजय कुमार ने अदालत के स्थायी जज के रूप में पदभार ग्रहण किया. इसके बाद 14 अक्टूबर, 2019 को इन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के जज के रूप में कार्यभार संभाला. बाद में 14 फरवरी, 2021 को जस्टिस संजय कुमार को मणिपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली.
4. जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह
पटना हाई कोर्ट से आने वाले न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने भी आज देश की शीर्ष अदालत में जज के रूप में शपथ ली. 11 मई, 1963 को जन्में जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने 27 सितंबर, 1991 को बिहार राज्य बार काउंसिल में पंजीकरण कराया और मार्च 2006 से अगस्त 2010 के बीच राज्य सरकार के स्थायी वकील रहे. इसके बाद 20 जून, 2011 को इनकी जज के रूप में पदोन्नति हुई. जिसके बाद 10 अक्टूबर, 2021 को जस्टिस अमानुल्लाह को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट और 20 जून 2022 को पटना उच्च कोर्ट में पुन: स्थानांतरित कर दिया गया था.
5.जस्टिस मनोज मिश्रा
2 जून, 1965 को जन्में न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने भी आज सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ ली. जस्टिस मिश्रा ने 12 दिसंबर, 1988 को एक वकील के रूप में पंजीकरण कराया और 23 साल की वकालत के बाद 21 नवंबर, 2011 को उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट में अतिरिक्त जज के रूप में पदोन्नत किया गया था. जिसके बाद 6 अगस्त, 2013 को उन्हें स्थायी जज के रूप में शपथ ली.
2 और जजों होनी है नियुक्ति
सुप्रीम कोर्ट में 2 जजों की नियुक्तियां होनी शेष हैं. जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 31 जनवरी को जजों के रूप में पदोन्नति के लिए दो और नामों की सिफारिश की. इनमें इलाहाबाद उच्च कोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अरविंद कुमार का नाम शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट के आठ जजों का कार्यकाल 2023 में खत्म हो जाएगा.