सोलन. विधानसभा क्षेत्र सोलन से कांग्रेस अपने वर्तमान विधायक और वीरभद्र कैबिनेट के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल पर ही दांंव लगाने का मन बना चुकी है. धनीराम शांडिल सांसद भी रह चुके हैं और अब 2012 से वह सोलन जिले की कमान सम्भाल रहे हैं. शुरुआती तौर पर अभी सोलन से कांग्रेस कार्यकर्ता टिकट की दौड़ में शामिल नजर नहीं आ रहे हैं, जिसके चलते यह तय माना जा रहा है कि धनीराम शांडिल ही सोलन से कांग्रेस प्रत्याशी होंगे.
वहीं, भाजपा में टिकट मांगने वालों की होड़ अभी से देखी जा रही है. टिकट के दावेदार आला नेताओं से सम्पर्क साध कर अपनी गोटियां बिठाने में भी जुट चुके हैं. सोलन में भाजपा अलग-अलग खेमों में बंटी नजर आ रही है. सांसद विरेंद्र कश्यप भी टिकट के फेर में पड़ते नजर आ रहे हैं. अबतक सोलन सीट के लिए ये नेता टिकट के दावेदारों में शामिल हैं.
1. सांसद विरेंद्र कश्यप
सांसद विरेंद्र कश्यप दो बार सांसद रह चुके हैं और अब शायद उनके जेहन में मंत्री बनने का सपना हिलोरे मार रहा है यही वजह है कि वह अब सोलन विधानसभा क्षेत्र से टिकट के दावेदार के रूप में उभर कर सामने आ रहे हैं. विरेंद्र कश्यप को भाजपा अगर टिकट देती है तो उन्होंने सांसद बन कर सोलन की जनता के लिए क्या किया और विकास के लिए केंद्र से क्या योजनाएं लेकर आए यह जवाब उन्हें सोलन की जनता को देना पड़ सकता है.
2. डॉक्टर राजेश कश्यप
वहीं डॉक्टर राजेश कश्यप दूसरे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं, आप को बता दें कि राजेश कश्यप आइजीएमसी, शिमला में चिकित्सक के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं और अब वह सोलन की जनता की सेवा करना चाहते हैं. डा. राजेश, सांसद विरेंद्र कश्यप के करीबियों में से एक हैं और कांग्रेस के विधायक धनीराम शाण्डिल के रिश्तेदार भी हैं. उन्होंने चुनाव के लिए अच्छी-भली नौकरी से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि अभी तक उनका त्यागपत्र मंजूर नहीं हुआ है.
3. मीरा आनंद
मीरा आनंद भाजपा के प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष रह चुकी हैं, वर्तमान में वह नगर परिषद सोलन में उपाध्यक्ष हैं. अब वह सोलन विधानसभा क्षेत्र से अपना भाग्य आजमाना चाहती हैं. वह कई वर्षों से पार्षद पद पर जीतती आ रही हैं जिसके कारण उनकी सोलन में अच्छी पैठ बनी है जो उनको आगे चल कर फायदा पहुंचा सकती है.
4. कुमारी शिला
कुमारी शिला पिछली बार भी चुनाव लड़ चुकी हैं. हालांकि उन्हें वर्तमान विधायक से हार का मुंह देखना पड़ा था. अब वह आगामी विधान सभा चुनाव में भाग ले कर उस हार का बदला लेना चाहती हैं. कुमारी शिला पूर्व में जिला परिषद अध्यक्ष रह चुकी हैं और उनकी सोलन के गांवों में अच्छी पहुंच है. वह निरंतर गांवों के विकास और उनसे जुड़े मुद्दों को समय-समय पर उठाती रहती हैं. गाँवों से मिल रहा समर्थन ही उनको फिर से चुनाव में खड़े होने के लिए प्रेरित कर रहा है.
5. तरसेम भारती
तरसेम भारती पिछले करीबन तीन सालों से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं और विधानसभा क्षेत्र के हर गाँव में वह अपनी मौजूदगी दर्ज करवा चुके हैं. लोगों से उनकी समस्याएं पूछ कर अपने ही दम पर निपटाने में लगे तरसेम भारती की दिल्ली तक पहुँच और प्रदेश के नेताओं से उनके करीबी रिश्ते दर्शाते हैं कि वह चुनाव लड़ने के लिए बिल्कुल तैयार हैं. आपको बता दें कि शिमला में भी तरसेम भारती अपना भाग्य अाजमा चुके हैं, लेकिन वहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. अब उन्होंने सोलन का रुख कर लिया है.
6. एच एन कश्यप
एच एन कश्यप पिछली बार भाजपा में बगावत कर क्षेत्र में विधायक का चुनाव लड़ चुके हैं. जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन अब वह भाजपा में शामिल हो चुके हैं और उन्हें लगता है कि भाजपा उनके दिल की हसरत को जरूर पूरा करेगी और उन्हें टिकट देगी. एच एन कश्यप भी प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारी थे वो भी इस्तीफा दे कर चुनावी संग्राम में कूदे थे लेकिन अभी तक वह सफलता की बाट जोह रहे हैं.
7. धनीराम शाण्डिल
कांग्रेस में धनीराम शाण्डिल को टिकट मिलना लगभग तय माना जा रहा है. लेकिन भाजपा में किसकी लॉटरी लगेगी यह तय कर पाना कठिन है. अगर टिकट मिलने के बाद भाजपा में फूट नहीं पड़ती है तो कांग्रेस के लिए जीत हासिल करना मुश्किल हो सकता है और अगर टिकट आबंटन, टिकेट के दावेदारों को बागी बना देता है तो कांग्रेस आसानी से बाजी मार सकती है.