शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार ने केंद्र से 12 हजार करोड़ रुपए राहत का क्लेम किया था, लेकिन अभी तक प्रदेश को कोई मदद नहीं मिल पाई है, लेकिन केंद्र सरकार की टीम हिमाचल आई है और इससे राज्य के क्लेम के मुताबिक मदद मिलने की संभावना फिलहाल बनी हुई है.
मुख्यमंत्री सचिवालय में मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा राहत पैकेज की शुरूआत मंडी, कुल्लू और बिलासपुर जिला से करेगी. इन इलाकों में प्रभावित लोगों को आर्थिक मदद दी जाएगी. इस मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने कहा कि पूर्व सरकार 75 हजार का कर्ज और हजार करोड़ की देनदारी छोड़ गई है.
उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने अपने कार्यकाल में जनमंच कार्यक्रम आयोजित किए, लेकिन अभी भी जमीन के 27 हजार मामले फंसे हुए हैं. यदि जनमंच ईमानदारी से आयोजित किया जाता, तो अब तक इन मामलों का समाधान हो चुका होता.
उन्होंने कहा कि जमीन की रजिस्टरी के बाद इंतकाल नहीं हो पाए हैं. उन्होंने कहा कि जनमंच के माध्यम से लोगों को ठगने का काम किया गया. अब राज्य सरकार जमीनी कार्यों में तेजी लाने के लिए कदम उठाने जा रही है. इसमें डिमार्केशन कार्यों में तेजी लाई जाएगी. इसके लिए राजस्व कानून में बदलाव लाया गया है. उन्होंने कहा कि जनमंच में जो काम पूर्व सरकार ने अधूरे छोड़े थे, उन्हें मौजूदा सरकार पूरा करेगी.
हालात सुधरते ही जिला परिषद कर्मियों पर फैसला
मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिला परिषद कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार ने पहला फैसला ले लिया है. उन्होंने कहा कि जिला परिषद कर्मचारियों को स्टेट कैडर में मर्जर किया गया है. उन्होंने कहा कि जिला परिषद कर्मचारियों को इस बात को समझना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा झेल रही है और जैसे ही हालात सुधरेंगे जिला परिषद कर्मचारियों के लिए कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कर्मचारियों से राज्य सरकार का साथ देने का आह्वान किया है.