शिमला: प्रदेश में भारी बारिश, तूफान और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी से समूचा जनजातीय अस्त-व्यस्त हो गया है. कई क्षेत्र एक बार फिर भयंकर ठंड की चपेट में आ गए हैं और कई जगह भारी भू-स्खलन से कई गांवों का संपर्क भी टूट गया है.
दिसंबर में शुरू हुआ ठंड का दौर जून तक जारी
दिसंबर में शुरू हुआ ठंड का दौर जून तक पहुंच गया है, इसी कारण प्रदेश के कई हिस्सों में बुधवार को तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई. चंद्रताल झील को पहली जून से पर्यटकों के लिए खोले जाने की घोषणा के बीच रोहतांग दर्रे पर अच्छी बर्फबारी ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. बुधवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में सुबह से ही भारी बारिश ने सबकुछ धो दिया. लाहुल-स्पीति और किन्नौर जिला की चोटियों पर अच्छी बर्फबारी हुई है.
बारिश से आम लोगों का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. तेज बारिश से नाले उफान पर आ गए. कई मुख्य, संपर्क व ग्रामीण मार्ग बंद हो गए हैं. बारिश से मुख्य मार्ग सोलन-मिनस मार्ग चाढना के समीप भारी भू-स्खलन से बंद हो गया, जिससे आर पार आधा दर्जन बसें व छोटी गाडियां फंसी रही. मार्ग बंद होने से वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी रही, जिससे राहगीरों को काफी दिक्कतें पेश आई. मई महीने में प्रदेश के ज्यादात्तर जिलों में अधिकतम तापमान जहां 35 डिग्री के आसपास रहता हैं, तो बुधवार को प्रदेश में सबसे अधिक तामपान सिरमौर के धौलाकुआं में दर्ज किया गया है.
मई महीने में हिमाचल प्रदेश में अब तक सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. इस बार सामान्य से 84 प्रतिशत अधिक है. इस साल अप्रैल-मई में 286.9 मिमी मौसमी बारिश दर्ज की गई, जबकि इस अवधि के दौरान 240.7 मिमी बारिश को सामान्य माना गया. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश के कई भागों में भारी बारिश, ओलावृष्टि व अंधड़ चलने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. चार जून तक प्रदेश में बारिश और अंधड़ का दौर जारी रहने की संभावना जताई है.