नई दिल्ली. भारत की मशहूर गायिका बेगम अख्तर का आज 103 वां जन्मदिन है. बेगम को दादरा, ठुमरी व गज़ल में महारथ हासिल थी. उनको ‘मल्लिका-ए-गज़ल’ के खिताब से नवाज़ा गया था. बेगम जान को भारत सरकार की तरफ से पद्म भूषण और पद्मश्री पुरस्कारों से नवाज़ा गया था.
फैज़ाबाद था बेगम जान का घर
बेगम अख्तर का जन्म 7 अक्टूबर 1914 को उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले के मुश्तरी और असगर हुसैन के घर हुआ था. उनके पिता एक वकील थे और माता एक तवायफ़ थीं. बेगम की माता मुश्तरी उनके पिता की दूसरी पत्नी थी. बेगम अख्तर को बचपन में बिप्पी के नाम से बुलाया जाता था.
कम उम्र में की करियर की शुरुआत
बेगम जान ने संगीत की दुनिया में महज़ 7 की उम्र में ही कदम रख दिया था और संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी. सिर्फ 13 साल की उम्र में उन्होने महफिल गायिका के रूप में गाना शुरू कर दिया था. वह अख्तरी बाई के नाम से भी जानी जाती थी.
उनकी आवाज़ को बिहार में आयोजित एक संगीत समारोह से पहचान मिली. इस समारोह में सरोजनी नायडू भी उपस्थित थी. नायडू को बेगम की अवाज़ इतनी पसंद आयी कि उन्होंने खादी की साड़ी तोहफ़े में दे दी थी. उनकी आवाज़ अलहदा होने के साथ साथ उनकी शख्सियत की पहचान भी अलग थी.
इस वजह से वह निर्माताओं की पसंद बन गयीं थी और उन्हे फिल्मों में काम करने के ऑफर भी मिलने लगे थे. उन्होंने ‘नसीब का चक्कर’, ‘द म्यूजिक रूम’, ‘रोटी’, ‘दाना-पानी’, ‘एहसान’ जैसी कई फिल्मों के गीतों को उन्होंने अपनी आवाज दी. बेगम ने कई नाटकों और फिल्मों में अभिनय भी किया.
डिप्रेशन में चली गयीं थीं बेगम जान
अख्तरी बाई ने 1945 में लखनऊ के एक वकील इश्तियाक अहमद से शादी कर ली थी. शादी के बाद उनके पति को उनका लोगों के सामने गाना अच्छा नहीं लगता था. उन्होंने अख्तरी बाई को गाना ना गाने की सख्त हिदायत दे दी थी. इसके बाद अख्तरी बाई ने संगीत की दुनिया छोड़ दी. अख्तरी बाई अपनी माँ के बेहद करीब थी, जब उनकी माता की मृत्यु हो गयी तो वह डिप्रेशन में चली गयी थी और मां के कब़र के पास जाकर रोया करती थी. फिर उनका काफी समय तक इलाज़ चला. डॉक्टर ने उनको संगीत की दुनिया में फिर से लौट जाने के लिये कहा. अख्तरी बाई ने गाना फिर शुरू किया लेकिन वह रेडियो पर गाना गाया करती थी.
छह बार ‘पाकीजा’ देखना पड़ा बेगम को
अख्तरी बाई को सिगरेट की लत थी. वह एक मिनट भी सिगरेट के बिना नहीं रह पाती थी. बेगम अख्तर को पाकीजा फिल्म छह बार देखनी पड़ी थी, क्योंकि वह तीन घंटे तक बिना सिगरेट के नहीं रह सकतीं थी और सिनेमा हॉल में सिगरेट पीना मना था.
गूगल ने मनाया बेगम जान का जन्मदिन
गूगल ने भी बेगम अख्तर के जन्मदिन को आज डूडल के जरिये मनाया.