शिमला. सोमवार को लंबे इंताजर बाद हिमाचल विधनासभा चुनाव के नतीजे आ गये. जिसमें भाजपा ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की साथ ही विपक्ष पार्टी कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा. हिमाचल में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने सोलन अर्की सीट से जीत दर्ज की. कांग्रेस पार्टी की हार के बाद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है.
वीरभद्र सिंह ने राजभवन शिमला पहुंचकर राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मुलाकात की और अपना त्यागपत्र सौंपा. उधर राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने वीरभद्र सिंह का इस्तीफा स्वीकार करते हुए कहा कि वीरभद्र सिंह अपनी कैबिनेट के साथ नई सरकार बनने तक अपने पद पर बने रहें. ताकि आवश्यक कार्य होते रहें. इस दौरान दोनों के मध्य चुनाव को लेकर विस्तृत चर्चा हुई.
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि वह जनादेश को कबूल करते हैं. वह छ बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. इस दौरान उन्होंने प्रदेश की जनता की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी. विकास के मुद्दे के साथ ही वह इस चुनावी मैदान में उतरे थे. लेकिन प्रदेश की जनता ने परिवर्तन को प्राथमिकता दी.
पार्टी की हार की समीक्षा करेंगे
उन्होंने कहा कि शीध्र ही हम पार्टी की हार को लेकर समीक्षा करेंगे. पार्टी के पास संसाधनों की भारी कमी थी जबकि इसके विपरीत भाजपा ने आर्थिक संसाधनों के साथ ही अन्य संसाधनों का भरपूर इस्तेमाल किया और जीत गई.
वह जानता के फैसले का स्वगत करते हैं और भविष्य में भी जनता की सेवा के लिए कार्य करते रहेंगे.