मंडी(धर्मपुर). जब व्यवस्था पूरी नहीं थी तो ऑपरेशन क्यों किया? यह प्रश्न हम इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि बुधवार को धर्मपुर उपमंडल के सिविल अस्पताल में 30 महिलाओं का परिवार नियोजन ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन करने के बाद महिलाओं को फर्स पर लिटा दिया गया. उनके लिए बेड की भी व्यवस्था नहीं कर पाया अस्पताल. अस्पताल के डॉक्टर इस बदइंतजामी की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते दिखे.
पिछली बार भी था यही हाल
सर्दी होने के बावजूद ऑपरेशन करवाने वाली महिलाएं ठंडे फर्श पर लेटने को मजबूर थी. मजबूरी में आकर महिलाओं ने कंबल-गद्दे खरीद कर अपनी जान बचाई. बता दें कि कुछ इसी तरह ही जब पिछली बार टेंट लगा था तो उस वक्त भी महिलाओं को फर्श पर ही लिटाया गया था. प्रशासन ने अपनी नाकामी से कुछ सबक नहीं सीखा और इस बार भी स्थिति वहीं का वहीं है.
अस्पताल के डॉक्टर बोले मेरी जिम्मेदारी नहीं
इस बारें में जब हॉस्पिटल में कार्यरत डॉक्टर राकेश ठाकुर से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि व्यवस्था देखना हमारा काम नहीं. ऑपरेशन टीम की जिम्मेदारी थी व्यवस्था को देखनी की. उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल में केवल 6 ही बिस्तर हैं. जब बीएमओ रमेश चन्द से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैं अभी कहीं प्रशिक्षण कर रहा हूं तो इस पर बात नहीं कर पाउंगा. एमओ इंचार्ज मण्डी डॉक्टर हेमन्त से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि मामला ध्यान में आया है, आगे से व्यस्था को सुधारा जाएगा. पर प्रश्न यह उठता है कि जिन महिलाओं की जान से खेला गया उनका जिम्मेदार कौन है.