मंडी (जंजैहली). भारत सरकार के खसरा-रूबेला से निपटारे को लेकर चलाए गए टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए तीन महिला कर्मचारियों ने गजब का साहस दिखाया. मामला मंडी जिले के सराजघाटी के दुर्गम इलाके शिकारी देवी के जंगलों का है. शिकारी देवी के जंगलों का इलाका स्वास्थ्य उपकेंद्र शंकर देहरा के तहत आता है. इन दिनों यहां पर घुमंतू गुज्जर रह रहे हैं.
घुमंतू गुज्जरों के बच्चों को भी टीका लगाना था. इसलिए तीनों महिला कर्मचारियों ने घने जंगलों में जाकर टीकाकरण करने का निर्णय लिया. फिमेल हेल्थ वर्कर गीता वर्मा, आशा वर्कर गीता भाटिया और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रेमलता भाटिया बाइक चलाकर टीकाकरण करने के लिए जंगलों की ओर रवाना हो गई.
हालांकि शिकारी देवी के लिए कच्ची सड़क है, लेकिन अधिकांश घुमंतू परिवारों तक पहुंचने के लिए पगडंडियों का ही सहारा लेना पड़ता है. गीता वर्मा बाइक चला लेती हैं. इसलिए उन्होंने बाइक पर ही अन्य महिला कर्मी को पीछे बैठाकर अपना सफर शुरू कर दिया. जबकि एक अन्य महिला कर्मी अपने पति के साथ स्कूटर पर टीकाकरण करने रवाना हो गयी.
यहां पर इन्होंने टीकाकरण के फोटो भी खींचे और उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. इसके बाद यह फोटो वायरल हो गए और हर कोई महिला कर्मचारियों के हौसले की दाद देने लगा. लेकिन पगडंडियों पर हेलमेट पहनकर टीकाकरण का सामान साथ ले जाना संभव भी नहीं था. महिला कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने अपने दायित्व का निर्वहन किया है और बच्चों को टीकाकरण का लाभ पहुंचाया है.